बूब्स पीने के इंतजार में हम तरसते ही रहे चूत ने भी हमको रुसवा किया
आपके होठो ने भी हमारा साथ नहीं दिया लड़ हाथ से ही रागढ़ते रहे
आपके हुस्न पीने को तरसते ही रह गए
काटे नही कटते दिन ये रात कहनी थी तुमसे दिल की बात
लो आज हम कहते हैं बूब्स और चूत साथ पीने हैं
तेरे होठ अपने होठो में सीने हैं
इन्तहा.... हो गयी इंतजार की
आई ना कोई खबर मेरे यार की
ये हमे हें यकी पिलाएगी हमे ही
फिर वजह क्या हुई इंतजार की
Monday, May 24, 2010
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