Monday, May 24, 2010

Garam Pados Wali



कृष्ण कांत (क्क) अपने फमिल्य के साथ मेरे बगल वाले फ़्लत में अपने बेटे सुधीर और दौघतेर इन लोव सुधा केसाथ रहता था क्क एक प्रिवते फ़िर्म मे काम करता था और सुधीर भी एक प्रिवते बांक में आस रेलतिओं शिपमनगेर काम करता था सुधा जो दिख ने निहायत हीं ख़ूबसूरत थी एक हौसे वीफ़े थी सुधा और सुधीर की सदी 4-5 मोन्तस पेहले हुई थी. आस नेघबोर वे मुझे से कसूअल्लय बेहावे करते थे और मैं भी. एक दिन जाब मैं अपने जॉबट्रिप बंगलोरे से से दीरेक्ट अपने फ़्लत पैर 10 पम पैर पहुँचा मैं बहुत ख़ुश था किनकी मेरी तिरप सुक्सेस्सफूल रहीथी. मैं लॉकक खूल कर फ़्लत में धखिल हुआ और चांगे कर के धरु पेने लगा धरु ख़तम कर के मैने बोतली फ़्लत केपस्सगे में रखने ग्या तो एक औरत की सेक्ष्य हँसी सुनकर मैं अचांक रुक गया मियाँ सोचने लगा आवाज़ कहाँ से सकती है फिर मैने देखा क्क वाले फ़्लत की कित्चें की वेंटिलाटोर खुला था वहाँ से लिघ्ट रही थी मैं एक्षितेड़हो गया और सोचने लगा औंदर झक कर देखे में अकचा रहे गा मैं एक स्टूल ले आया और झाँक कर अंदर देखाकित्चें के साथ वाले कमरे का बेद साफ़ साफ़ दिखाई दे रहा था लेकिन कोई लोग नही थे मैं तोड़ी देर सोचने लगाफिर अकचणक सुधा रूम में आई और अपना फसे टाकिएे में चुपा के लेट गयी उसने निघटय पहन रखी थी जोबहुत हीं तिघ्ट थी पेट के बाल सोने के वजह से उसका हुगे गंड और घुटनो तक उठी हुई निघटय और उसके व्हितेलेग्स बहुत हीं मादक लग रहा था मेरा लंड कड़ा होने लगा, दोस्तों अगला सीन देख कार मैं दंग रह गया, क्क रूम मेंदाख़िल हुआ हाफ़ पैंट और -शिर्त में था और थोड़ी देर सुधा हो देखने के बाद अपने हांत सुधा के गंड पैर रखकर सेहलाने लगा फिर गंड को मुती में ले कर जूर जूर से दबाने लगा, सुधा अचानक चीख पड़ी क्क के ज़ोर सेउसका गांड दबाने से लेकिन उसने कुछ नही कहा, मैं ताब समझ ग्या आज बूढ़ा अपनी पाटोहू को छोड़ेगा बाहनचूद. फिर क्क ने एक हीं झटके में उसकी निघटय उपर खिसका के सुधा के कंधो तक ले गया सुधा खड़ी हो गयी औरनिघटय नीचे ठीक करती हुई कहने लगाई नही पापा चोरिए ना मुझे बहुत सर्म अटती है आप के सामने, सुधाब्लक्क ब्रा आंड रेड पानती में थी ये सीन देख कार मेरा लंड कड़ा होगया साली क्या माल लग रही थी बाहनचूद, क्कफिर उसे बाहों में लेके बोला सराम आती है लेकिन जाब मियाँ छूडने लगता हूँ ताब तुम नही सरमती हो गान उठाउठा के लंड लेते हो अपनी छूट में हैं ? लिघ्ट ओं हैं ना अप्प प्लेआसए लिघ्ट ओफ़्फ़ कर दीजिए ना प्लेआसएसुधा ने कहा, क्क ने सुधा का निघटय फिर से उपर कर के ब्रा से उसके बूब्स निकल कर मसलने लगा सुधा आँखबंद कर के क्क के हंत पैर अपना हांत दबाने लगी क्क ने कहा 2 दिन से तुम्हें अंधेरे में छूड रहण हूँ आज तुम्हारानंगा बदन देख कार तुम्हें छूडना छह ता हूँ मैं और तुम 1 घंटे से नौटंकी कार रही हो इसके लिए हैं बहुत खेली हुईलड़की हो तुम मुझे छोड़वाने तुम 3 महीने में टायार हुई हो अभी दो दिन पेहेले और आब फिर से ये बहाना कार रहीहो की लिघ्ट में नही छुड़ोगी मुझ से, अरे रानी तेरा ये ख़ूबसूरत बदन देख कर छूड ने में बड़ा मज़ा आएगा कसम से, क्क ख़ुश होता हुआ बोला. फिर सुधा ने क्क का हांत अपने बूब्स से हटाने की नाकाम कोसिस करते हुए बोली, पापाजी अगर आप का लौंदा सुधीर मुझे ठीक से सेटिस्फ़य कार पता तो मैं आप के छुड़ाने कभी ना तैयार होती, हिजड़ापैदा किया है आपने उसका लंड खड़ा होते हीं झाड़ जाता है सिर्फ़ मेरी छूट देख कार. सुधा के मुह से इतनी सेक्ष्य वॉर्डसुनकर मैं दंग रह ग्या और सोचने लगा लगता है सुधा अपने फ़तेर इन लव से बहुत खुल चुकी है और मज़े बहुतलेती है उसके साथ इसका मतलब है क्क सही छुड़ाई करता है अपनी पाटोहू का 50 साल के उमर में भी.
मेरा लंड फ़ान फ़ना रहा था मैं सोच रहा था अभी हरामीयों के पकड़ के सुधा को छोड़ लडून लेकिन ये पोससीब्ले नहीथा अभी. मैने भाई देसिड़े कर लिए चाहे जो हो जाए साली को मैं चूदुँगा जर्रोर साली इतनी ख़ूबसूरत होगी मैं ने सोचाभी नही था.

सुधा के मुह से अपने बेटे ही बुराई सुन के क्क गुसा होगया और सुधा के गंड पैर एक ज़ोरदार तपाद मार कर बोलाबाहंचोड़ साली तू अपने बारें में कियों नही कहती, साली तू इतनी गोरी कैसे पैदा हो गयी तेरा ब्बप तो काला हैमाधरचूद तेरी मा भी तो रंडी है साली जो किसी चिक्ने लौंदे से छुड़ कर तुझे पैदा किया है हारमी साली मेरे बेटेहिजड़ा कहती है तेरे छूट केलिए मेरा लंड हैइना तू अपने पति के लंड की चिंता कीऊन करती है अभी मेरे लंड कीपरवाह कार तो बास साली और सुधा के बाल पकड़ के उसके होटों को चूसने लगा. क्क के बेहवीओर को देख कार मैंख़ुश हो ग्या और सोचने लगा आज मस्त छुड़ाई देखने को मिलेगा , क्क एक्शपेरिएनसे बांदा है और अपनी बहू कोतदप कर छूडना चाहता है सुधा आब आँख बंद कर के होंठ चुसवा रही थी. सुधा मूड कर क्क हो प्यार से चुमती हुईबोली मेरा प्यारे पपाजी नाराज़ कियों हो गाये मैं तो आए हीं आपकेलिए हूँ इस घर में, सुधा की निघटय उसके कंधोतक थी और एक बूब ब्रा के बाहर थी जिसे अभी क्क ने मसला था और एक ब्रा के औंदर, सुधा को पीछे से देख कारमैं दंग रह ग्या क्या सीन था वो, उसके गांड उसके पानती से निकालने हो बेताब था इतना रौंडेड गांड मैं ने अपनेलीफ़े में नही देखी थी कभी. क्क आब निघटय हटा के ब्रा से निकले बूब के चूसने लगा और सुधा क्क का गार्दनसहलने लगी सुधा सिसक ने लगी और बोली, म्म्मुझी माफ़ कार्रर डीज़ीईए उममममम्म्म मई आब एसा कुछ नहीबोलूँगी जिसे आप नाराज़ हो जाएँ पापा जी, क्क सुधा को पीछे से पकड़ कर अपना लंड उसके गांड पार रग़दते हुएबोला , हाँ आब आई ना लीने पार बेटी और सुन तू मुझे पापा जी कियों कहती है मैं तो तेरा छोड़काद यार हूँ तू मुझेमेरे नाम से बुला समझी मेरी रानी, मैं आपको आपके नाम से कैसे बुला सकती हूँ सुधा ने क्क अपना लंड उसकेगांड पार ज़ोर से रग़दते और हुआ बोला अकचा तू अपना छूट खोल के मेरा स्वागत कार सकती है लेकिन मुझे नामसे नही बुला सकती सच में बड़ी नौटंकिबाज़ है तू, इसमें तेरी कोई ग़लती नही है क्यों की तू नौटंकी बाज़ खंडन से हैंहीं बहन छूड तेरे बाप ने भी काम नौटंकी नही दिखाई थी दहेज देने में तेरी साड़ी पार. तेरी मा से भी मैं ने मज्ज़क़ मेंपूछा था की संधन जी एक बात मेरे साँझ में नही आता आपकी दोनो बेटिओं में सुधा इतनी गोरी है और प्रीतिसावली है क्या राज है इसका तो तेरी मा सेक्ष्य अंदाज़ में हस्ते हुए और गांड मटकाते हुए किचें में चली गयी सुधाअपने चेहरे पे कुटिल मुस्कान बरते हुए मज़े ले रही थी जो मैं साफ़ देख सकता था उसका चेहरा वेंटिलाटोर की तरफ़होने से.

मुझे दारू का नासा चढ़ कुका था और मैं मज़े ले रहा था इन दोनो हारमी ससुर बहू का अचांक मैने सोचा साला मैंकैसे छोदुँगा एसए ये तो साली आलर्ेाद्य ख़ुश है अपने ससुर से छुड़ छुड़ के. फिर मैने सोचा साली को ब्लक्कमाइल हीं करना पड़ेगा दूसरा कोई उपाए नही है फिर मैने अपना नेव डीगी काम ले आया और वांतिलाटोर पार तापेसे चिपका दिया ज़ूँ करके कमरा मस्त कापटूरे कार रहा ता उंदोनो को, दोनो अभी तक यीसे पॉसीटिओं में थे. क्क पागल क़ीटरह सुधा की चुनचियों को मसल रहा था और सुधा अपना चेहरा गुमा के गाल चुसवा रही थी. क्क केस्तरोंग आंड फट बॉडय में सुधा एक बची की तरह लग रही थी और क्क कुटिया के उपर चड़े कुटे की तरह उसे चूसऔर मसल रहा था. दोनो मज़ा ले रहे थे पूरे रूम में चुममे की आवाज़ गूँज रही थी, सुधा सिर्फ़ सिसस्कियाँ ले रही थीभीच भीच में क्क जब जूर से उसका चुनची दब्ता तो उके मुह से सेक्ष्य चीख निकल जाती थी. 1-2 मिनुटे एसाचलता रहा. क्क सुधा को चोरटे हुए बोला ऊऊहह्ह्ह्ह हााहह्ह्ह्ह्ह्ह बहुत गर्म चीज़ हो तुम सुधा मज़ा ग्यामेरी बची

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